Zomato के निवेशकों के लिए सोमवार का दिन काफ़ी उतार-चढ़ाव वाला रहा, जब कंपनी के एक प्रमुख अधिकारी, Rinshul Chandra (COO – Food Ordering and Delivery Business), ने अपना इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद, Zomato के शेयरों में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जो 10% तक पहुँच गई। यह गिरावट Zomato के शेयर को Rs 189.60 पर ले आई, जबकि इसका पिछला बंद भाव था Rs 210.65।
इस घटना ने Zomato के निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है, और यह एक बड़ा सवाल पैदा कर रहा है कि क्या इस इस्तीफे का कंपनी के भविष्य पर दीर्घकालिक असर होगा।
1. शेयरों में गिरावट का कारण:
ज़ोमैटो के शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण था Rinshul Chandra का इस्तीफा, जो कंपनी के COO (Chief Operating Officer) के रूप में कार्यरत थे और फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी बिजनेस के प्रमुख थे। Zomato ने BSE पर जानकारी देते हुए कहा कि Rinshul Chandra ने 5 अप्रैल, 2025 को इस्तीफा दिया। उनके इस्तीफे के बाद, Zomato के शेयरों में 10% की गिरावट देखने को मिली।
हालांकि, दिन के अंत तक ज़ोमैटो के शेयरों ने कुछ सुधार किया और 0.43% की गिरावट के साथ Rs 209.75 पर बंद हुए। कुल मिलाकर, 43.28 लाख Zomato के शेयरों का कारोबार हुआ, जिसकी कुल कीमत 88.73 करोड़ रुपये थी।
2. Zomato के स्टॉक का प्रदर्शन:
ज़ोमैटो की बाजार पूंजीकरण (Market Cap) Rs 2.03 लाख करोड़ थी, लेकिन इस गिरावट के बावजूद कंपनी का स्टॉक एक साल के भीतर 10% तक बढ़ा है। हालांकि, 2025 में अब तक इस स्टॉक में 24% की गिरावट आ चुकी है। ज़ोमैटो के शेयरों में पिछले एक साल में कम उतार-चढ़ाव देखा गया है, इसका beta 0.9 है, जो यह दर्शाता है कि यह स्टॉक बाजार के मुकाबले कम अस्थिर रहा है।
Zomato का स्टॉक शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों ही नजरिए से कमजोर दिख रहा है, क्योंकि वर्तमान में यह शेयर 5 दिन, 10 दिन, 20 दिन, 30 दिन, 50 दिन, 100 दिन, 150 दिन, और 200 दिन की मूविंग एवरेजेस से नीचे ट्रेड कर रहा है।
3. Zomato के तिमाही परिणाम:
ज़ोमैटो ने Q3 FY25 में 57% की गिरावट दर्ज की है, क्योंकि कंपनी का Profit After Tax (PAT) Rs 59 करोड़ रहा, जो पिछले साल के इसी समय में Rs 138 करोड़ था। इससे पहले Q2 FY25 में Zomato ने Rs 176 करोड़ का PAT रिपोर्ट किया था, जो एक अच्छा प्रदर्शन था।
वहीं, ज़ोमैटो की Revenue from Operations में 64% की बढ़ोतरी हुई है और यह Rs 5,404 करोड़ रही, जो पिछले साल Rs 3,288 करोड़ थी। इसके बावजूद, कंपनी का मुनाफा घटने से निवेशकों में निराशा का माहौल है।
4. आगे क्या हो सकता है?
ज़ोमैटो के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं दिखता। जहां एक ओर कंपनी का राजस्व बढ़ा है, वहीं मुनाफे में गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। इसके अलावा, Rinshul Chandra के इस्तीफे के बाद, कंपनी के रणनीतिक निर्णयों में बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है, जो आने वाले समय में ज़ोमैटो के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, ज़ोमैटो की स्थिरता को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के शेयरों में एक बार फिर सुधार हो सकता है, विशेष रूप से जब बाजार का वातावरण अधिक स्थिर होगा और कंपनी अपने नए leadership के तहत बेहतर रणनीतियां लागू करेगी।
5. निष्कर्ष:
ज़ोमैटो के शेयरों में आई 10% की गिरावट एक बड़ा संकेत है कि बाजार में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। अगर कंपनी के नेतृत्व में बदलाव या अन्य कारक इस तरह की गिरावट का कारण बने हैं, तो इसे ध्यान में रखते हुए निवेशक अपनी रणनीतियों में बदलाव कर सकते हैं। हालाँकि, ज़ोमैटो का स्टॉक एक साल में 10% ऊपर गया है, और इसके बावजूद यह बाजार की अनिश्चितता से अछूता नहीं है। निवेशकों को अब यह देखना होगा कि कंपनी आने वाले महीनों में कैसे प्रदर्शन करती है और क्या वह अपनी स्थिति को सुधारने में सफल हो पाती है।
अगर आप ज़ोमैटो में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब तक के परिणामों और वर्तमान बाजार स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण होगा।
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